जैविक खेती | Organic Farming in India 2023

भारत एक कृषि-संबंधित देश है जो अपने विश्वविद्यालयों, कृषि विभागों और किसानों के माध्यम से कृषि विज्ञान और तकनीकी में मुख्य रूप से संलग्न है। कृषि देश की आर्थिक विकास और वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे देश की जनसंख्या को खाने की समृद्धि और रोजगार का स्रोत मिलता है।

भारत के कृषि सेक्टर में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं जैसे कि धान, गेहूं, चावल, मक्का, जौ, और तिलहनी। इसके अलावा, फलों, सब्जियों, और खेतीबाड़ी से भी अधिक उत्पादन होता है। भारत संरचनात्मक दृष्टि से गांवों का देश है, और सभी ग्रामीण समुदायों में अधिक मात्रा में कृषि कार्य किया जाता है इसी लिए भारत को कृषि प्रधान देश की पदवी भी मिली हुई है।

तो आइए, आज हम  इस लेख के माध्यम से आपको, जैविक खेती के बारे में गहराई से और बहुत ही सरल भाषा में बताएंगे। इस ब्लॉग में जैविक खेती के लाभ के बारे में भी जानेंगे।

जैविक खेती क्या हैं, और जैविक खेती किसे कहते हैं?

what is organic farming?

जैविक खेती आधुनिकता से पहले भी प्रचलित थी। यह खेती का वो रूप था जिसमें किसान विशेष रूप से कीटनाशकों और केमिकल खाद्य पदार्थों के उपयोग की बजाय प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करते थे।

पुराने समय में, लोग जैविक खेती का प्रचलन करते थे जिसमें प्राकृतिक जीवाणुओं, जैविक खाद्य पदार्थों, मिट्टी को सुधारने के तरीकों और जैविक बीजों का उपयोग किया जाता था। इससे खेती की उत्पादकता बढ़ती और भूमि की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती थी।

जैविक खेती

जैविक खेती: प्रगतिशील खेती।

जैविक खेती एक प्रगतिशील और पर्यावरण मित्र विकासी तकनीक है जो किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण के लिए प्रेरित करती है। यह खेती उर्वरक, कीटनाशक और अन्य किसानी उपकरणों के उपयोग की जगह पर नैसर्गिक संसाधनों का उपयोग करती है। इससे पृथ्वी के पर्यावरण पर कम असर पड़ता है, जो प्राकृतिक संतुलन और बायोडाइवर्सिटी को सुरक्षित रखता है।

  • जैविक खेती में, किसान खेती के लिए उचित जैविक उर्वरकों, खेती कीटनाशकों और संसाधनों का उपयोग करते हैं, जिनसे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और पौधों को पोषण मिलता है। इसमें कारखानों द्वारा निर्मित उर्वरकों और कीटनाशकों के अवागमन से बचा जा सकता है, जो पृथ्वी के जलवायु को नकारात्मक प्रभावित कर सकते हैं।
  • जैविक खेती में, जैविक उत्पाद उत्पन्न करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग होता है, जैसे कि पारंपरिक बीज, जैविक खेती से लिए गए बीज, सचेत खेती तकनीक और विशेष प्रकार के जैविक खेती तकनीक। इससे किसानों को अधिक उत्पाद और उच्चतर आय प्राप्त करने में मदद मिलती है।
  • जैविक खेती एक समृद्धि और जीवनकारी विकल्प है जो उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों के उत्पादन को संभव बनाता है, साथ ही पर्यावरण को संरक्षित रखता है। यह भविष्य की सुरक्षा के लिए एक सामर्थ्यपूर्ण और धार्मिक खेती प्रक्रिया है, जो मानवता को एक स्वस्थ्य और समृद्ध भविष्य की ओर प्रवृत्त करती है।
  • जैविक खेती एक ऐसी कृषि प्रणाली है जो मृदा, पौधों, और पशुओं के उपयोग पर आधारित है और विषैले कीटनाशकों और केमिकल खाद्यानुशासन का उपयोग नहीं करती। इसका मुख्य उद्देश्य स्वस्थ खेती वातावरण और सामुदायिक संपदा को सुरक्षित रखकर उत्पादन को बढ़ाना है।

जैविक खेती के मुख्य तत्व हैं:

 1. समृद्धि समृद्धि: जैविक खेती में समृद्धि समृद्धि का सुनिश्चित होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह भूमि के स्वास्थ्य को बनाए रखने, मिट्टी की उपजाऊता को बढ़ाने और पौधों के संतृप्त होने में मदद करता है।

2. जैविक खाद्यानुशासन: जैविक खेती में उचित मात्रा में जैविक खाद्यानुशासन का उपयोग किया जाता है जो पौधों को संतृप्ति पूर्वक पोषण प्रदान करता है।

3. पेस्टिसाइड्स का नियंत्रण: जैविक खेती में पौधों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए पेस्टिसाइड्स का नियंत्रण करने के लिए विषैले खाद्यानुशासन के स्थान पर जैविक उपायों का प्रयोग किया जाता है।

4. प्राकृतिक बीज: जैविक खेती में प्राकृतिक बीजों का उपयोग किया जाता है, जो जीवंत होते हैं और प्रकृति के साथ संतुलन कायम रखते हैं।

5. जैविक पशुपालन: जैविक खेती में जानवरों का उपयोग करके खेती को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाता है।

6. वातावरण संरक्षण: जैविक खेती में वातावरण की संरक्षा को महत्व दिया जाता है जिससे भूमि और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखा जा सके।

जैविक खेती एक विकासशील, उर्वरकों से मुक्त और पर्यावरण के साथ सम्मेलित कृषि प्रणाली है जो खेतीकरों को और उत्पादकता को संतुष्ट करती है। यह खेतीकरों के जीवन को सुधारती है और समुदायों को स्थायी संबलता प्रदान करती है।

हमे जैविक खेती क्यो करनी चाहिए? Advantages of Organic Farming

जैविक खेती को अपनाने के कई कारण हैं। पहले और सबसे महत्वपूर्ण, यह प्राकृतिक तरीके से उत्पादन करने का सबसे सुरक्षित और स्वास्थ्यपरायण तरीका है। जैविक खेती में विभिन्न प्रकार के कीटनाशक और कृषि उपकरणों का उपयोग नहीं होता है, जिससे खेती का पर्याप्त संरक्षण होता है और भोजन को पर्याप्त गुणवत्ता वाला बनाने में मदद मिलती है।

जैविक खेती से भूमि की उर्वरता बढ़ती है, जिससे उपजाऊ पौधों की मात्रा में वृद्धि होती है और फसलों की पैदावार बढ़ती है। इससे मिट्टी की गर्मी से बचाया जा सकता है, जो सूखे का कारण बनती है।

जैविक खेती के अन्य लाभों में बीजों और उर्वरकों की वितरण पर कम खर्च, पानी की बचत, और प्राकृतिक पर्यावरण के साथ मेल खाना शामिल होते हैं। इससे किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है और उनका आर्थिक स्थिति सुधारता है।

साथ ही, जैविक खेती बिजनेस भी बन गया है जो उत्पादकों को अधिक बाजार के मूल्य पर उत्पाद बेचने का मौका देता है। इससे गांवीय आर्थिक विकास होता है और रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।

इन सभी कारणों से जैविक खेती को अपनाना चाहिए क्योंकि यह स्वास्थ्यपरायण खेती पद्धति है जो मानवता और पर्यावरण के लिए उपयोगी है।

जैविक खेती के लाभ Benefits of Organic Farming:

जैविक खेती, जिसे ऑर्गेनिक खेती भी कहा जाता है, प्राकृतिक तरीके से फसल उत्पादन करने का विशेष तरीका है जो अन्य रसायनिक उपजाऊ खेती तकनीकों के समान नहीं है। जैविक खेती के कई लाभ हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  1. स्वस्थ खाद्य: जैविक खेती से उत्पादित फसलें रसायनिक कीटनाशकों और कीटाणुनाशकों के अभाव में उत्पन्न होती हैं, जिससे उनमें प्राकृतिक गुणधर्म संवर्धित होते हैं और स्वस्थ खाद्य मिलता है।
  2. मात्रा में वृद्धि: जैविक खेती में भूमि की उपजाऊता और उपज की मात्रा बढ़ती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
  3. जल बचत: जैविक खेती में प्राकृतिक खेती के लिए जल उपयोग आवश्यक होता है, जिससे जल की बचत होती है और भूमि के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है।
  4. पर्यावरण संरक्षण: जैविक खेती में रसायनिक खेती के उपयोग से अधिक पर्यावरण संरक्षण होता है, क्योंकि यह जल, भूमि, और वायु प्रदूषण की स्तिथि को सुधारता है।
  5. मानसिक लाभ: जैविक खेती में किसान को उत्पादन प्रक्रिया में संलग्न होने का आनंद मिलता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

जैविक खेती के इन लाभों के कारण बढ़ते हुए जनसंख्या और जलवायु परिवर्तन के चलते लोग इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। जैविक खेती को समर्थन देने से न केवल हम अपने आसपास के पर्यावरण का संरक्षण करते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण भविष्य की भी रक्षा करते हैं।

जैविक खेती के प्रकार Types of Organic Farming:

जैविक खेती को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है

1.  एकीकृत जैविक खेती

2.  शुद्ध जैविक खेती

जैविक खेती एक प्रकार की कृषि पद्धति है जिसमें केवल प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है और जलवायु स्थितियों, मिट्टी के गुणवत्ता, पेड़-पौधों, जैविक खाद और जैविक कीटनाशकों का ध्यान रखते हुए फसल उत्पादन किया जाता है। जैविक खेती को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:

1. एकीकृत जैविक खेती:

  एकीकृत जैविक खेती में, जैविक उत्पादन की विभिन्न विधियों का समावेश किया जाता है, जो प्राकृतिक तत्वों को विनाशकारी कीटनाशकों, सार्वजनिक बीज, जैविक खाद और उपयुक्त पानी प्रबंधन तक प्रभावित करते हैं। इसमें प्रकृति और विज्ञान को समाहित किया जाता है, जिससे सुस्त और स्वस्थ परिवारों और सामुदायिक विकास के लिए एक सुस्थ पर्यावरण का निर्माण होता है।

2. शुद्ध जैविक खेती:

  शुद्ध जैविक खेती एक पद्धति है जिसमें केवल प्राकृतिक तत्वों का ही उपयोग किया जाता है और किसी भी प्रकार के कीटनाशक और संश्लेषित खाद या रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और जीवन के लिए जीवाश्म को कम करना, प्राकृतिक उत्पादन को बढ़ाना, बेहतर मिट्टी स्वास्थ्य और पेड़-पौधों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है।

जैविक खेती एक विकासशील और विश्वासयोग्य खेती पद्धति है, जो स्थायी रूप से संतुलित पर्यावरण बनाए रखने और स्थायी उत्पादन सुनिश्चित करने में मदद करती है। इससे किसानों को उचित मूल्य मिलता है, जीवन क्षेत्र में सशक्तीकरण होता है और देश को खाद्य सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम मिलता है। जैविक खेती के बढ़ते हुए प्रचलन के साथ, यह समृद्धि और समरसता की दिशा में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देता है।

जैविक खेती की विशेषताएं

जैविक खेती एक पर्यावरण से सहजता और संतुलन को ध्यान में रखकर खेती की एक प्रक्रिया है। इसमें विभिन्न विशेषताएं हैं:

  • केमिकल खाद्य से रहित:  केमिकल खाद्य का इस्तेमाल नहीं होता है, जिससे उत्पाद और माटी स्वस्थ रहती है।
  • संरक्षण: जैविक खेती में प्राकृतिक संसाधनों की संरक्षा की जाती है।
  • उर्वरक: पशु गोबर, कोम्पोस्ट, पीठ खाद जैसे उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • समुदायिक: जैविक खेती समुदाय के सहयोग से की जाती है, जो सामाजिक और आर्थिक विकास में सहायक होता है।
  • प्राकृतिक रोगनाशक: जैविक उत्पादों में प्राकृतिक रोगनाशक का प्रयोग किया जाता है।
  • बेहतर गुणवत्ता: जैविक खेती से उत्पादित फल, सब्जियां और अनाज अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  • पर्यावरण अनुकूल: जैविक खेती पर्यावरण के प्रति सावधानीपूर्वक होती है और जलवायु परिवर्तन को कम करती है।
  • जल संरक्षण: जैविक खेती में जल संरक्षण का खास ध्यान रखा जाता है।
  • बेहतर जीवन: जैविक खेती से किसानों को बेहतर जीवन और जीविकोपार्जन का मौका मिलता है।
  • जीवाश्म: जैविक खेती भूमि को उर्वरक की जरूरत होते हुए भी जीवाश्म से लाभ प्रदान करती है।

जैविक खेती की आवश्यकता:

जैविक खेती की आवश्यकता है क्योंकि यह एक पर्यावरण के साथ साझेदारीपूर्वक कृषि प्रक्रिया है जो विभिन्न तरह के लाभ प्रदान करती है।

1. यह पेयजल संसाधनों को बचाकर उनके उपयोग में कमी करती है और जलवायु परिवर्तन का सामना करती है।

2.  इससे मिट्टी की गर्मी और पानी धारण की क्षमता बढ़ती   है।

3.  यह विभिन्न पेयजल को उपयोग करने की आवश्यकता कम करती है जिससे किसान का खर्च भी कम होता है।

4. यह सेहतीय खाद्य उत्पादों का उत्पादन करती है जो लोगों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं और अन्ततः, यह जैविक विकास को समर्थन करती है जो एक सुस्त विकास मॉडल से बेहतर है।

जैविक खेती के लिए अनुकूल वातावरण और मौसम:

जैविक खेती एक प्राकृतिक और सुस्त सम्प्रदाय है जिसमें कीटाणु नाशक, कीटनाशक और उर्वरक जैसे केमिकल नहीं उपयोग किए जाते। इसके लिए अनुकूल वातावरण और मौसम का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

  • अनुकूल वातावरण: जैविक खेती के लिए अनुकूल वातावरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह समृद्ध मिट्टी, पर्याप्त पानी सप्लाई, सूर्य किरणों का अच्छा समय, और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित उपयोग शामिल करता है।
  • मौसम: सही मौसम भी जैविक खेती के लिए महत्वपूर्ण है। उचित बारिश, सही तापमान और तरीकी से बिजली का उपयोग फसलों की उत्पादनता को बढ़ाता है।
  • जैविक खेती के लाभ: जैविक खेती से पैराम्परिक खेती की तुलना में उत्पादनता बढ़ती है, भूमि की गुणवत्ता सुधरती है और प्राकृतिक संतुलन बना रहता है। इससे पर्याप्त पोषण मिलता है और भविष्य के लिए पृथ्वी को बचाने में मदद मिलती है।
  • अधिकारिक उपाय: सरकार को जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए। किसानों को जैविक खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान भी आयोजित करना जरूरी है।

जैविक खेती एक लोकप्रिय और संवेदनशील खेती पद्धति है जो प्रकृति के साथ संघर्ष करते हुए आर्थिक और पर्यावरण सुरक्षित उत्पादन को संभव बनाती है।

भारत सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं:

वर्तमान में, भारत सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। प्रमुख योजनाओं में से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना,
  • कृषि उद्यानिकी समृद्धि योजना,
  • कृषि एवं पशुपालन सूक्ष्म और लघु उद्यम मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न उद्यमिता विकास योजनाएं
  • पशुपालन विकास योजना:

 इन योजनाओं के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है और किसानों को समर्थन प्रदान किया जा रहा है ताकि वे स्वावलंबी हो सकें।

जैविक खेती के निष्कर्ष:

जैविक खेती एक पर्यावरण सुहावना खेती प्रक्रिया है जिसमें शक्तिशाली केमिकल खाद्यांकन नहीं किया जाता है और प्राकृतिक तरीके से फसलों को उत्पन्न किया जाता है। यह खेती क्षेत्रों के भरोसेमंद बनाने में मदद करती है और मिट्टी को बेहतर बनाती है। इसके उपयोग से भूमि की उर्वरता बढ़ती है और जल संसाधन को संरक्षित रखा जाता है। जैविक खेती से उत्पन्न खेतीबाड़ी और मद्देनजर की स्थिरता मिलती है जो भविष्य में फसल उत्पादन में मदद करती है। इससे किसानों की आय भी बढ़ती है और पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है।

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