हम अपने इस आर्टिकल में आपको बताएंगे मुख्यमंत्री बागवानी मिशन 2025 के तहत ड्रैगन फ्रूट विकास योजना 2025 के लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और किसानों के लिए फायदे की पूरी जानकारी। जानिए कैसे आप खेती से दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं।
भारत में बागवानी फसलों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। परंपरागत खेती के साथ-साथ अब किसान उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। इन्हीं फसलों में से एक है ड्रैगन फ्रूट, जिसे “सुपर फ्रूट” भी कहा जाता है। ड्रैगन फ्रूट न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि इसकी बाजार में बहुत अधिक मांग है।
भारत में ड्रैगन फ्रूट (कमलम फल) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। इसके पौष्टिक मूल्य और औषधीय गुणों के कारण यह फल किसानों के लिए कैश क्रॉप (cash crop) बन चुका है।
राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी मिशन (Chief Minister Horticulture Mission) के अंतर्गत ड्रैगन फ्रूट विकास योजना 2025 (Dragon Fruit Farming Scheme) चला रही हैं।
दोस्तों सरकार की यह योजना 2025-27 तक चलेगी।
किसान योजना 2025 के तहत किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए सब्सिडी, तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता दी जाती है।
ड्रैगन फ्रूट विकास योजना के मुख्य उद्देश्य
1. किसानों को उच्च मूल्य वाली फसल की ओर प्रेरित करना।
2. ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना।
3. किसानों की आय को दोगुना करना।
4. बंजर और अनुपयोगी जमीन को उपजाऊ बनाना।
5. देश में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन और निर्यात बढ़ाना।
ड्रैगन फ्रूट की खेती क्यों है खास?
- यह एक कम पानी और कम देखभाल वाली फसल है।
- एक बार पौधे लगाने के बाद 15–20 साल तक फल देता है।
- एक बार पौधे लगाने के बाद सालों तक फल की अच्छी पैदावार मिलती है।
- प्रति एकड़ सालाना 8 से 10 लाख रुपए तक की कमाई संभव।
- प्रति हेक्टेयर 10-12 टन उत्पादन संभव है।
- ड्रैगन फ्रूट की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में है।
- बाजार में इसकी कीमत ₹200 – ₹400 प्रति किलो तक मिलती है।
- यानी कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान सालाना लाखों रुपये कमा सकते हैं।
- इसके फल, फूल और पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
मुख्यमंत्री बागवानी मिशन ड्रैगन फ्रूट विकास योजना 2025 क्या है? और इस योजना के तहत किसानों को क्या लाभ मिलते हैं?
यह योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- सब्सिडी – किसान को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए 2.8 लाख रुपए तक की सब्सिडी।
चरण 1: इसमे पहले वर्ष 1.6 लाख
चरण 2: इसमे दूसरे वर्ष 1.2 लाख
- तकनीकी सहायता – कृषि विशेषज्ञ किसानों को प्रशिक्षण देंगे।
- सिंचाई सुविधा – ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाने पर सब्सिडी प्रदान कर रही हैं।
ट्रेलिस (कंक्रीट पोल और वायर सिस्टम) लगाने पर वित्तीय सहायता।
- बाजार सुविधा – सरकार किसानों की फसल को उचित दाम पर बेचने के लिए मार्केट लिंक उपलब्ध कराएगी।
- रोजगार सृजन – ग्रामीण युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा।
- सरकार की यह योजना गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों में चल रही हैं।
- बैंक/नाबार्ड के जरिए आसान लोन सुविधा।
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योजना की मुख्य विशेषताएँ:
- लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना और बागवानी क्षेत्र का विस्तार करना
- सब्सिडी 40%–50% (SC/ST किसानों को अधिक लाभ) horticulture subsidy scheme 40%–50% for SC/ST
पात्रता मानदंड
- आवेदक किसान भारतीय नागरिक होना चाहिए।
पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी होगी।
- आवेदक के पास खेती योग्य भूमि न्यूनतम(0.2 हेक्टेयर भूमि) होनी चाहिए।
- ड्रैगन फ्रूट की खेती के भूमि सिंचाई योग्य और उपयुक्त होनी चाहिए।
- पहले से किसी अन्य बागवानी योजना का लाभ न लिया हो।
- आधार कार्ड, बैंक खाता और भूमि दस्तावेज़ अनिवार्य।
- SC/ST और महिला किसानों को अतिरिक्त लाभ।
आवश्यक दस्तावेज़
- आवेदन करने वाले व्यक्ति का अपडेट आधार कार्ड
- भूमि दस्तावेज़ / खसरा-खतौनी
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- अपडेट मोबाइल नंबर
- आवेदन करने वाले व्यक्ति का निवास प्रमाण पत्र
आवेदन प्रक्रिया
- ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको राज्य सरकार की आधिकारिक बागवानी वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा और अगर आप ऑफ़लाइन आवेदन करना चाहते है तो आपको अपने नज़दीकी कृषि/बागवानी विभाग कार्यालय पर संपर्क करें।
- आवेदन के बाद कृषि अधिकारी आपकी भूमि का निरीक्षण करेंगे।
- अगर आप पात्र पाए जाते है तब आपको इस योजना की सब्सिडी और अन्य लाभ मिलेंगे।

ड्रैगन फ्रूट की खेती की लागत और मुनाफा:
लागत और मुनाफा
| खर्च का विवरण वस्तु | अनुमानित लागत (प्रति हेक्टेयर) |
| पौधे (2500-3000) | ₹2,50,000 – ₹3,00,000 |
| पोल और वायर (ट्रेलिस सिस्टम) | ₹3,50,000 – ₹4,00,000 |
| ड्रिप इरीगेशन | ₹80,000 – ₹1,00,000 |
| खाद और देखभाल | ₹50,000 – ₹80,000 |
| कुल निवेश | ₹7,50,000 – ₹9,00,000 |
मुनाफा
- सरकारी सब्सिडी: 1.5 से 2.8 लाख रुपए तक
- पहली फसल: 12–15 महीने में
- तीसरे साल से 10-12 टन उत्पादन शुरू।
- बाजार दर ₹250/किलो मानें → लगभग ₹25-30 लाख/वर्ष की कमाई।
- निवेश वापसी: 2-3 साल में।
- वार्षिक मुनाफा: 8 से 10 लाख रुपए
किसानों को मिलने वाले लाभ
- उच्च मूल्य वाली फसल।
- सरकारी सब्सिडी से निवेश का बोझ कम।
- लंबे समय तक पैदावार।
- घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग।
- किसानों की आय में 200% तक वृद्धि।
ड्रैगन फ्रूट का बाजार और संभावनाएँ
- भारत में इसकी मांग हर साल 30–40% बढ़ रही है।
- विदेशी बाजारों में एक्सपोर्ट की अपार संभावनाएँ।
- ड्रैगन फ्रूट का उपयोग जूस, जैम, आइसक्रीम और दवाइयों में किया जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1. मुख्यमंत्री बागवानी मिशन ड्रैगन फ्रूट योजना का लाभ कौन ले सकता है?
उत्तर: कोई भी किसान जिसके पास खेती योग्य भूमि है।
Q2. योजना के तहत कितनी बागवानी सब्सिडी मिलेगी?
उत्तर: 40% से 60% तक की बागवानी सब्सिडी मिलेगी।
Q3. ड्रैगन फ्रूट की खेती से कितनी कमाई होती है?
उत्तर: प्रति एकड़ सालाना 8–10 लाख रुपए तक।
Q4. आवेदन कैसे करें?
उत्तर: ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं।
Q5. यह योजना कब से लागू है?
उत्तर: 2025 से राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है।
Q6. ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए न्यूनतम कितनी ज़मीन चाहिए?
उत्तर: कम से कम 0.2 हेक्टेयर भूमि आवश्यक है।
Q7. ड्रैगन फ्रूट खेती कब से मुनाफा देना शुरू करती है?
उत्तर: तीसरे साल से नियमित पैदावार शुरू हो जाती है।
Q8. क्या यह योजना हर राज्य में लागू है?
उत्तर: नहीं, यह योजना कुछ चुनिंदा राज्यों में चल रही है। आवेदन से पहले अपने राज्य की बागवानी विभाग वेबसाइट देखें या फिर अपने नज़दीकी कृषि/बागवानी विभाग कार्यालय पर संपर्क करें।
निष्कर्ष
“मुख्यमंत्री बागवानी मिशन: ड्रैगन फ्रूट विकास योजना 2025” किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना से किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे, रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और भारत ड्रैगन फ्रूट उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
अगर आप भी किसान हैं, तो इस योजना का लाभ उठाकर अपनी आय दोगुनी करें और आधुनिक बागवानी की ओर कदम बढ़ाएँ।
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