किसानों को मिलेगा ऊर्जा का नया स्रोत, बिना डीज़ल के होगी सिंचाई। जानिए PM KUSUM Yojana की खास बातें और लाभ।

सोलर पंप से सिंचाई की परेशानी खत्म! जानिए कैसे PM KUSUM Yojana बदल रही है ग्रामीण भारत की खेती की तस्वीर। हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि उत्पादन के लिए ऊर्जा का स्रोत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

दोस्तों जैसे कि हम जानते हैं कि गाँवों में बिजली दिन-रात को बहुत कम ही आती है, जिसके कारण सिंचाई करने में किसानों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दोस्तों डीज़ल पम्प पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

PM KUSUM Yojana: किसानों के लिए सोलर क्रांति

PM KUSUM Yojana (प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) को हमारे प्रधान मंत्री ने 8 मार्च 2019 में शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करना है।

PM KUSUM Yojana ( प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) पर सरकार अधिक जोर दिया जा रहा है। अपने इस आर्टिकल में हम आपको PM KUSUM Yojana (प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) की पूरी जानकारी देने वाले हैं। जैसे:

PM KUSUM Yojana का उद्देश्य

यह योजना किसानों की ऊर्जा और जल सुरक्षा को सुनिश्चित करती हैं, और सौर ऊर्जा मदद से पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करना है।

यह योजना निम्न लक्ष्यों को साधती है:

  • डीजल आधारित सिंचाई से मुक्ति।
  • बिजली की बचत और पर्यावरण सुरक्षा।
  • सौर ऊर्जा से बिजली बेचकर किसानों की अतिरिक्त आय बढ़ाना।
  • ग्रामीण बिजली पावर ग्रिड को सुदृढ़ बनाना।

PM KUSUM Yojana की मुख्य बिंदु

  • 500 kW से 2 MW के छोटे सौर प्लांट्स को स्थापित करना।
  • बंजर भूमि पर स्टिल्ट लगाए जा सकते हैं
  • स्थानीय DISCOM इन्हें रेट निर्धारित टैरिफ पर खरीद सकें।
  • 5 वर्षों तक Performance Based Incentive (PBI) ₹0.40/unit दिया जा सके।
  • सोलर पंप पर सब्सिडी।
  • केंद्र से 30%, राज्य से 30–40% और शेष 10% किसान लोन निवेश
  • पहले से ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर उर्जा पर केंद्रीकृत करना
  • अधिक बिजली उपलब्ध होने पर कृषि पंप से अतिरिक्त पॉवर DISCOM को बेची जा सकती है

2025 में नवीनतम अपडेट्स

समयसीमा में विस्तार

COVID के कारण देरी होने पर शासन ने कार्यक्रम की अवधि मार्च 2026 तक बढ़ा दी है। अब तक समाधान नहीं होने पर राज्यों ने अनुरोध किया था।

  • Karnataka में पहले से ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर उर्जा पर केंद्रीकृत करना और अधिक बिजली उपलब्ध होने पर कृषि पंप से अतिरिक्त पॉवर DISCOM को बेचने का कार्य धीमा हो गया था, लेकिन अब यह कार्य मार्च 2026 तक निपटारे की तैयारी की जा रही हैं।
  • Rajasthan में इस योजना के तहत 1,000 MW से अधिक सौर कपैसिटी स्थापित की जिससे 1.7 लाख किसानों को दिन में भी  बिजली उपलब्ध हो रही हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर 7.5 HP तक के सोलर पंप पर किसानों को सब्सिडी पर दिए जा सके और केंद्र से 30%, राज्य से 30–40% और शेष 10% किसान लोन निवेश का कार्य 62% हो चुका है।

दोस्तों पहले से ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर उर्जा पर केंद्रीकृत करना और इससे अधिक बिजली उपलब्ध होने पर अतिरिक्त पॉवर DISCOM को बेचने का कार्य केवल 14% ही हुआ है।

बाकी का कार्य जैसे कि  छोटे सौर प्लांट्स को स्थापित करना, बंजर भूमि पर स्टिल्ट लगाना इत्यादि का कार्य सिर्फ 6% ही पूरा हुआ है

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लाभ और सब्सिडी संरचना

  • सरकार 90% की सब्सिडी दे रही हैं।
  • DISCOM खरीद पूर्व निर्धारित दर पर खरीदी जा सकती हैं।
  • इससे किसानों को आय का अवसर मिलता है जिससे अतिरिक्त बिजली बेचकर ₹25,000/acre/वर्ष तक आय।
  • सरकार सोलर पंप तथा ग्रिड प्लांट पर लगभग 25 वर्षों तक गारंटी दे रही हैं, जिससे किसानों को दीर्घकालीन स्थायित्व मिलता है

PM KUSUM Yojana के लिए पात्रता और दस्तावेज़

पात्रता:

  • भारतीय किसान (स्वस्थ और व्यवसायिक रूप से सक्षम)
  • अपनी या पट्टे पर कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए
  • संबंधित DISCOM / कृषि विभाग से आवेदन कर सकता है
  • कोई बैंक डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए

आवश्यक दस्तावेज़:

  • आधार कार्ड, बैंक पासबुक
  • भूमि के कागजात / पट्टा
  • आयु-जाति दस्तावेज (PAN, कैस्ट सर्टिफिकेट)
  • मोबाइल नंबर
  • आवेदन के लिए पासपोर्ट साइज फोटो

कैसे करें आवेदन?

Online विधि:

  1. pmkusum.mnre.gov.in पर जाए।
  2. अपनी सुविधानुसार विकल्प चुने।
  3. व्यक्तिगत, भूमि और पंप/प्लांट की जानकारी भरे।
  4. अपने डॉक्यूमेंट अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।
  5. आपको एक पावती संख्या/आवेदन आईडी नोट करें और SMS/ईमेल से स्थिति ट्रैक करें।

ऑफलाइन विधि:

दोस्तों आप अपने नजदीकी CSC या राज्य कृषि विभाग से फॉर्म को ले सकते हैं और उसमें अपनी सही जानकारी भरें और इसे DISCOM या अपने संबंधित राज्य संस्था में जाकर जमा करें।

PM KUSUM Yojana में चुनौतियाँ और सुधार पहल

दोस्तों सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेकों योजनाएं शुरू की है, लेकिन इस योजना में कुछ चुनौतियाँ भी है जिसके लिए सरकार अपनी भरपूर प्रयास कर रही हैं

जैसे कि:

चुनौतियाँ:

  • भूमि उपलब्धता और ग्रिड इंटीग्रेशन में बाधाएं।
  • DISCOM के साथ समन्वय और टेंडर प्रक्रिया में देरी।
  • राज्यों में डिजिटल आवेदन में कमी।

सरकारी  प्रयास :

  • राज्यों में ज़मीनी स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए।
  • गाँवों में सरकार किसानों को प्रशिक्षित कर रही हैं।
  • भूमि उपयोग संबंधी कानूनी समन्वय को सरल बनाएं।
  • DISCOM और बिजली कंपनियों के साथ शॉर्टर टेंडर सिस्टम अपनाएं।

 PM-KUSUM का किसानों पर प्रभाव:

  • इस योजना के तहत Rajasthan में 1,000 MW से अधिक कपैसिटी वाले सौर पम्प स्थापित किए जिससे 1.7 लाख किसानों को दिन में भी बिजली उपलब्ध होने का लाभ हो रहा हैं।
  • राष्ट्रीय स्तर 7.5 HP तक के सोलर पंप पर किसानों को सब्सिडी पर दिए जा सके और केंद्र से 30%, राज्य से 30–40% और शेष 10% किसान लोन निवेश का कार्य 62% हो चुका है।
  • छोटे सौर प्लांट को स्थापित करना, बंजर भूमि पर स्टिल्ट लगाना इत्यादि का कार्य सिर्फ 6% ही पूरा हुआ है जो कि धीमी गति से चल रहा है।

दोस्तों अतिरिक्त बिजली बेचने से किसानों की आय बढ़ रही है, इसके साथ-साथ शाम तक पॉवर उपलब्ध होने से गाँवों में सिंचाई सुविधाजनक हो रही है।

निष्कर्ष

PM-KUSUM ( प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) योजना सरकार की अद्वितीय पहल है, इसका उद्देश्य किसानों को अतिरिक्त आय देना और सौर ऊर्जा मदद से पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करना है। Covid-19 के बाद केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी इसमें तेजी लाने का काम कर रही हैं।

PM-KUSUM ( प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महा-अभियान) अभी तक भारत के कई गांवों में इस योजना पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन अभी भी मार्च 2026 तक समय रहते सर्व योजनाओं को पूरा करना महत्वपूर्ण है।

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धन्यवाद।

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